Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

Rejuvenation of the body after chemotherapy treatment for cancer - By Panchakarma.

Rejuvenation of the body after chemotherapy treatment for cancer - 
By Panchakarma.
केंसर के लिए हुई कीमो चिकित्सा के दुष्परिणाम दूर कर कायाकल्प करती हें- पंचकर्म चिकित्सा! -   
डॉ. मधु सूदन व्यास {9425379102}   
केंसर और स्तन केंसर चिकित्सा के बाद उसके दुष्परिणामो से उत्पन्न कष्टों से आयुर्वेद से वापिस पायें पुनर्जीवन।
जिस समय किसी रोगी को ज्ञात होता है, की केंसर हो गया है, तो अक्सर वह मान लेता है की “सब कुछ ख़त्म हो गया” पर सब कुछ खत्म नहीं हुआ न हो जाता। जैसे जैसे विकिरण उपचार या कीमोथेरेपी चिकित्सा हुई, रोगी ठीक होने लगता है। पर बाद में परिवार से अपने सम्बन्ध, खाने- पीने की आदतें, देनिक क्रिया कलाप, और भी बहुत कुछ, चिकित्सा के बाद सब कुछ बदल जाया करता है।   

रोग ठीक हुआ अब पुन पूर्व शरीर, मन, और आत्मा पाना है। नया शरीर या कायाकल्प (rejuvenation) होना भी अति आवश्यक है।
कीमो चिकित्सा के बाद होने वाले लक्षण जिन्हें केमोब्रेंन "Chemobrain" कहते हें, में चिंता तनाव, भ्रम (Confusion), काम में मन न लगना, सही शब्द खोजने, सीखने, कई काम एक साथ करेने, में मुश्किल होती है। थकान की अधिकता, लगता है जैसे मस्तिष्क पर भार हो, जल्दी भूल जाने समस्या, सामान्य कार्यों के करने में अधिक समय लगना, बोलते समय भूल जाने की समस्या, पुरानी याद ताजा करने में कठिनाई, होने लगती है।
केमो मस्तिष्क को बाद में मिले ये सब लक्षण एक प्रकार का मानसिक आघात जैसा ही होता है।
सामान्यत: किसी को केंसर का निदान होना ही अपने आप में बड़ी तनाव पूर्ण स्तिथी होती है।
फिर चिकित्सा में कीमो थेरेपी, हर्मोन थेरेपी, विकिरण (रेडियेशन) थेरेपी, स्टेम सेल प्रत्यारोपण, और जटिल शल्य (सर्जरी) चिकित्सा से उत्पन्न, रक्ताल्पता (Anemia), थकन (Fatigue), संक्रमण (Infection) महिलाओं को रजो निवृत्ति (Menopause) एवं अन्य हार्मोन्स समस्याएं केंसर चिकित्सा के कारण मिलती हें।
इनके अतिरिक्त चिकित्सा के बाद पोषक तत्वों की कमी, अनिद्रा, और चिकित्सा में हुए दर्द, स्मृति की समस्याएं आदि समस्याओं से रोगी छुटकारा पाकर जल्दी पूर्ववत होना चाहता है।
इस समय रोगी को  यदि उचित चिकित्सा नहीं मिलती है तो उसे मानसिक विकलांगता, मष्तिष्क केंसर, बदती आयु के साथ अधिक होने की संभावना बडती जाती है।
इस समय एक अच्छा आयुर्वेदिक चिकित्सक आपकी मदद कर सकता है।
रोगी को चाहिए की अपनी सभी समस्याओं के बारे में चिकित्सक को बताये।
सामान्यत कोई भी चिकित्सक जो इस रोग एवं चिकित्सा के दुष्प्रभावों से परिचित होता है, उसे आपकी समस्या का निदान करना और उसके अनुरूप चिकित्सा करना मुश्किल नहीं होता। आयुर्वेद में इन विशेषकर कीमो चिकित्सा के बाद होने वाली समस्याओं का उचित और सक्षम निदान है।
शरीर से अवांछित एकत्र ओषधियों के हानिकारक प्रभावों को दूर करने उचित द्रव्यों की सहायता से आवश्यक शोधन, कर शरीर और मस्तिष्क का तर्पण करना ही चिकित्सा उद्देश्य होता है।
इसके लिए आवश्यक शोधन के साथ विशिष्ट द्रव्यों और ओषधियों द्वारा शाष्टिक शाली स्वेद, विशेष बस्तीयाँ, शिरो बस्ती, शिरोधारा, आदि क्रियाये कराई जाती हें, जो रोगी की क्षमता, शरीर बल, दोष-धातु की स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकती है, की जातीं हें। रोगी को अतिशीघ्र लाभ दिया जाना इसी आयुर्वेदीय पंचकर्म पद्ध्ति से संभव है।
जल्दी ही  रोगी के झडे हुए सर और आँखों के ऊपर के बाल (ऑय ब्रो)  आने लगते हें, शरीर की सुद्रडता, याददाश्त में सुधार, अच्छी नींद, और कार्य क्षमता में वृद्धि, और आत्म विश्वास, होने लगता है, यही पुन: जीवन की प्राप्ति, नया शरीर या कायाकल्प (rejuvenation) है।  हमारे चिकित्सा केंद्र में यह चिकित्सा सक्षमता से की जा रही है।      
पथ्य (खाने योग्य)-
आयुर्वेद में रोगियों के लिए इस  घातक ट्यूमर (केंसर) के लिए आहार व्यवस्था भी है।  गाय का पुराना घी, पुराने चावल, जौ, हरे चने, गेहूं के जवारे (घांस), उबली हुई सब्जियां और सूप, विभिन्न फलों से तैयार खाद्य व्यंजनों, एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में प्रयुक्त किये जाते हें।
अपथ्य (न खाने योग्य)
डेयरी उत्पाद, मांस, अधिक खट्टा या मीठा, और भारी देरी से पचने वाले खाद्य पदार्थों से बचा जाना चाहिए, क्योंकि इन सभी वस्तुओं से  कफ दोष दूषित हो जाता है, क्योंकि कफ दोष ही केंसर ट्यूमर बनने का मुख्य कारण है।  

केंसर की प्रारम्भिक अवस्था में अथवा निदान होने पर रेडियेशन आदि चिकित्सा के साथ- साथ सहायक रूप में आयुर्वेदिक ओषधि एवं आवश्यक पंचकर्म किया जाता रहे तो चिकित्सा पश्चात् होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता है, या शीघ्र छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिये हम कुछ आयुर्वेदीय शास्त्रोक्त सहायक उपचार प्रदान करते हैं।
                                         -डॉ मधु सूदन व्यास -9425379102 
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स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

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