Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

डाईविटिक रोगियों की सेक्सुयल कमजोर की समस्या?

   में पिछले बाईस वर्ष से डाइबिटिक हूँ, अब मुझे बहुत सी समस्याएँ जैसे कमजोरी, सेक्सुयल कमी आदि होने लगीं हें। में इंसुलिन ले रहा हूँ, कृपया मेरी मदद कीजिये। 
i am diabetic since last 22 year and now i am 
facing lot of problems  as weakness dis 
function(sexual),  i am taking insulin please
 help me --भवदीय, vijay kukade 
  किसी भी डाईविटिक रोगी द्वारा सभी चिकित्सकों से यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता रहा है, इसका उत्तर भी एक ही है, की यह रोग एक बार घुस गया है, और हमारी लापरवाही ने इसे बड़ाया तो अब इसके साथ जीना सीखना, और इसके दुष्परिणामों को सहन करना ही होगा। इसके सिवाय अब कोई चारा नहीं। 
   क्षमा चाहता हूँ श्री विजय जी आपको आपकी समस्या की चिकित्सा (आगे देखें)बताने से पूर्व, यह बात में कहकर मेरा विचार आपको आहत करने का नहीं है, वरन अन्य सभी पाठकों को सचेत करने के उद्धेश्य से है। 
   वर्तमान में किसी भी पेथी में इसका सक्षम और पुर्न-नवीनी करण हो सके एसा इलाज नही हें। एक बार शरीर के पेनक्रियाज में इंसुलिन बनाने वाले वीटा सेल्स नष्ट हुए तो पुन: नवीन बना सकना अभी तक तो संभव हो नहीं पाया है। वेज्ञानिकों की कौशिशें अवश्य जारी हें। 
   लगातार सचेत किया जाता रहा है की परिश्रम, एक्सरसाइज़,  और खान-पान  को आदि ठीक रखें, इस विषय पर हमने भी कई लेख प्रस्तुत किए हें, उनका उद्धेश्य भी यही है की समय रहते बचने की कोशिश की जाए। इसका अर्थ यह भी कदापी नहीं की इसके संबंध में सभी पूर्ण ज्ञान होने वाले को कभी भी डाईविटीज नहीं होगी। एसा होता तो किसी भी चिकित्सक को डाईविटीज होती ही नहीं। सच्चाई यह भी है की इस रोग के बारे में अभी हम पूरी तरह जान ही नहीं पाएँ हें।  इसकारण जितना ज्ञात है उसके आधार पर हमको सावधानी रखनी ही होगी और रोग हो जाने पर उसके साथ जीना सीखना ही होगा। साथ ही चिकित्सक और वैज्ञानिकों के पास जाते ही रहना भी होगा ताकि हमारे माध्यम से आने वाली पीढ़ी को रोग से बचाने के लिए शोध चलती रहे। 
   इसलिए आपसे निवेदन है की आप निराश न हों, अपने चिकित्सक से निरंतर संपर्क बनाए रख कर अपनी समस्या से लड़ते रहने और सुखद भविष्य की उम्मीद करते रहें।  
   आयुर्वेद में हम भी कई प्रयोग कर रहे हें। आपकी कमजोरी एवं सेक्सुयल वीकनेस की समस्या के लिए चंद्रप्रभा वटी एक अति उत्तम योग है। इसमें शिलाजीत प्रमुखता से अन्य शक्ति दायक ओषधियों के साथ  होता है, शिलाजीत मूत्रल होने के साथ मेटाबोलिक फंक्शन्स को ठीक करता है। चरक संहिता के काल से ही इसका सफलता पूर्वक प्रयोग किया जाता रहा है। आप भी इसका सेवन करने। साथ ही शिलाजित्वादी वटी आदि ओषधिया भी ले अधिक अच्छा है, की आप किसी कुशल वैध्य के परामर्श पर इनकी मात्रा(डोज़) निर्धारण कर प्रयोग करें ताकि अच्छे परिणाम मिलें। 
         डाईविटीज में अभी तक के शोध के अनुसार उपलब्ध एलोपेथिक दवाएं, दैनिक क्रियाकलाप, और उचित खानपान के बारे में कुशल चिकित्सक का परामर्श  मानना ही चाहिए ताकि रक्त में अधिक शुगर बनी रहने से किडनी, ह्रदय, आदि अन्य शरीर के महत्व पूर्ण अंग प्रभावित न हों।
      मेरा पिछले लगभग 40-45 वर्षीय विशुद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुभवों के आधार पर आपको यह परामर्श दे रहा हूँ।   
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 निम्न लिंक किलक कर डाईविटीज और उसके दुष्परिणामों से बचे रहने के विषय में जाने । 
 1-डाईबीटीज़ ह्रदय रोगी, कब्ज, एसिडिटी आदि के रोगी के लिए भोजन व्यवस्था? 2- तनाव-नीद-और मधुमेह(डायबिटीज): तनाव से नीद या नीद से तनाव होगा तो होगी  "डायबिटीज" । 3- मधुमेह के मरीजों को खानपान: 4- मधुमेह रोगियों का खाना कैसा हो?: 5-त्यौहार पर मधुमेह यानी डायबिटीज से बचे: 6- क्या आप जानते हें, की मोटापा बढाने या डाईविटिज"के लिए जिम्मेदार यह"अधिक भूख" क्यों लगती है। 7- कम कैलोरी वाली डाइट से डायबीटीज की छुट्टी: 8-डायबिटीज़ (मधुमेह) से बचाए आंखों की रोशनी
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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

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