Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

10 से 20 अक्टूबर तक निःशुल्क नेत्र जांच कैंप का आयोजन- विश्व दृष्टि दिवस।


विश्व दृष्टि दिवस 
10 अक्टूबर 2013

विश्व दृष्टि दिवस: देखने का संपूर्ण अधिकार सबको है....

10 से 20 अक्टूबर तक निःशुल्क नेत्र जांच कैंप का आयोजन
नई दिल्ली, अक्टूबर 09, 2013ः अंधेपन व दृष्टि संबंधी त्रुटियों को ठीक करने के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के महीने में आने वाले दूसरे वृहस्पतिवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। वास्तव में, लोगों की बढ़ती जीवन सीमा के साथ ही क्रोनिक अवस्थाओं के चलते दृष्टि संबंधी विकार होने का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।

सेंटर फार साइट में मेडिकल सर्विसेज की एडिशनल डायरेक्टर डा. रितिका सचदेव के अनुसार दरअसल, आंखें हमारे शरीर के झरोखे की तरह होती हैं जिनसे हम बाहर की दुनिया को देख पाते हैं। स्वस्थ आंखे इंसान को समाज में स्वयं काम कर कमाने लायक बनाती हैं और सामाजिक आर्थिक दबाव को कम करने में मदद करती हैं। विश्व की बढ़ती जनसंख्या वृद्धावस्था की ओर बढ़ रही है और इसके साथ बढ़ रहा है अंधेपन का खतरा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसारः-

विश्व में लगभग 285 मिलियन लोग अंधेपन व निम्न दृष्टि के साथ जी रहे हैं।
जिनमें 39 मिलियन लोग अंधेपन व 246 मिलियन लोग निम्न दृष्टि का शिकार हैं।
दरअसल, दृष्टि संबंधी त्रुटियों का बड़ा कारण है 33 प्रतिशत कैटरैक्ट व 43 प्रतिशत रिफ्रेक्टिव त्रुटियां ।
इनमें 80 प्रतिशत अंधापन ठीक किया जा सकता है और रोका भी जा सकता है।
इनमें 90 प्रतिशत अंधे लोग निम्न आय देशों में रहते हैं।
अंधेपन के शिकार 82 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग तकरीबन 50 वर्ष के आसपास हैं।
इनमें औरतों व लड़कियों की संख्या अधिक है जो कि इस समस्या से जूझ रही हैं।
विश्व में प्रत्येक सेकंड में एक व्यक्ति और प्रत्येक मिनट मंे एक बच्चा अंधेपन का शिकार हो जाता है।

भारत में लगभग कुल जनंसख्या के 9 प्रतिशत लोग निम्न दृष्टि व अंधेपन से पीडि़त हैं। तकरीबन 19 मिलियन लोग अंधे हैं और यह संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। विकसित व विकासशील देशों में कैटरैक्ट निम्न दृष्टि का एक बहुत बड़ा कारण है, साथ ही विश्वस्तर पर आधे अंधेपन के लिए भी यही जिम्मेदार है। एक शोध के अनुसार भारत में बढ़ती जनसंख्या के कारण कैटरैक्ट की वजह से 2020 तक लगभग 8.25 मिलियन लोग अंधेपन का शिकार हो सकते हैं।

डा. रितिका सचदेव के अनुसार विश्व के लगभग आधे अंधेपन का शिकार लोग भारत में ही हैं। लेकिन इसमें से अधिकतर केसों में अंधेपन का उपचार कर इसे रोका जा सकता है। इस अवसर पर सेंटर फाॅर साइट दिल्ली व एन सी आर स्थित अपने सेंटर पर 10 से 20 अक्टूबर तक दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक निःशुल्क नेत्र जांच का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को कैटरैक्ट, भेंगापन, डायबिटीक रेटिनोपैथी ग्लूकोमा, एज रिलेटिड मैक्युलर डीजनरेशन आदि बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती नेत्र संबंधी बीमारियों से अवगत कराना है।

सबको सर्वश्रेष्ठ ने़त्र देखभाल प्रदान करने के उदेश्य से 1996 में डा. महिपाल सचदेव ने सेंटर फाॅर साइट की स्थापना की। सेंटर फाॅर साइट हमेशा मरीजांे को सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया है व आंखों के विकारों को दूर करने वे बेहतर नेत्र देखभाल सेवा प्रदान करने में सदैव आगे रहा है। इस सेंटर में सभी अत्याधुनिक तकनीकें, यंत्र, इंफ्रांस्ट्रक्चर व मानव संसाधन उपलब्ध हैं। लगभग 43 सेंटर, 140 नेत्र विशेषज्ञों व 700 लोगों के स्टाफ की मदद से सेंटर फार साइट देश से अंधेपन को दूर करने के अपने मकसद को पूरा लिए प्रयासरत है।

और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-

राजेंद्र कुमार राय
09810623366
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल/ जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें। इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।
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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
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