Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

पुत्रजीवक (PUTRANJEEVAK-Puntrajiva roxburghii) क्या सचमुच पुत्र (संतान) प्राप्ति के लिए है?

PUTRANJEEVAK-Puntrajiva roxburghii
पुत्रजीवक जिसे सामान्य भाषा में विशेषकर भारत और श्रीलंका में चाइल्ड लाइफ ट्री, लकी बीन ट्री, कहा जाता है के और सामान्य नाम - child's amulet tree, child-life tree, lucky bean tree, officinal drypetes, spurious wild olive, को अन्य भाषाओँ में भी जिस नाम से भी जाना जाता है, उससे पुत्र (संतान) शब्द का ही बोध होता है| 

यह भारतीय उपमहाद्वीपजापानदक्षिणी चीन, न्यू गिनिया आदि इसके मूल स्थान है, श्री लंका में यह बहुतायत पाया जाता है|  
यह साठ फिट तक का सदाबहार वृक्ष, एक साथ लटकता हुआ शाखाओं, भूरे रंग की छाल, पत्ते घने गोल समूहों में, छोटे, चमक पीले फूल, तीव्र गंध और ज्वलनशील तेल (सरसों तेल जैसी) युक्त बीज वाला, पत्तियां वाला यह पुत्रजीवक, कफ दोष {*नोट देखें}  वर्धक, वात और पित्त दोष नाशक, गुण में गुरु रुक्ष-, रस में मधुर-लवण-कटु, कटु-विपाक, शीत-वीर्य, युक्त इस वनस्पति की पत्तियाँ, फल, बीज, ओषधि के लिए काम आते हें|
इसकी पत्तियां और सर्दी जुकाम, बुखार, और गठिया के दर्द में काढ़े के रूप में और इसका पेस्ट सिर में दर्द, सूजन और फोड़ा में एक दर्द निवारक (एनाल्जेसिक) के रूप में उपयोगी है|
बीज का चूर्ण एंटीओक्सिडेंट{**नोट देखें} का काम करता है, बच्चे दानी को सशक्त और गर्भधारण के योग्य बनाता है| इसके सेवन से स्त्रियों में अंडाणुओं की फर्टिलिटी (जननक्षमता) बडती है, गर्भ धारण के बाद भी यह गर्भ में बच्चे को पोषण देता है| गर्भिणी के रक्तचाप को नियंत्रित करता है और पैरों में आने वाली सूजन और रक्त की कमी को पूरा करता है| इसके खीर के साथ सेवन से गर्भिणी को होने वाली उल्टियों में राहत मिलती है|  
सोलह संस्कारों में एक पुंसवन कर्म में पुत्रजीवक को शिवलिंगी और विष्णु क्रांता के साथ योग बनाकर खीर के रूप में सात दिवस तक देने की प्रथा है, इसका विवरण बाल्मीकि रामायण में भी आया है|
स्पष्ट रूप से यह न केवल सामान्य गर्भ धारण की इच्छा रखने वाली स्त्रियों और गर्भवती स्त्रियों के कष्टों को दूर करने के साथ गर्भस्त शिशु का पालन करने से ही इसको यह नाम पुत्रजीवक, गर्भकरा, दिया गया है|
इसके एंटीओक्सिडेंट{**नोट देखें}  गुण के कारण दोनों को समान रूप से पुरुष को शुक्र वह स्त्रोत शोधन, और शुक्र (स्पर्म) संख्या वृधि हेतु, और स्त्री बाँझ पन को दूर करने के लिए सदियों से दिया जाता रहा है|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ, जिनेवा) ने विकासशील देशों में उपयोग के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जिन औषधीय पौधों के महत्व की सराहना की है, उनमें यह पुत्रजीवक को इसी नाम से स्वीकारा और सराहा गया है|  

सेवन योग्य मात्रा- बीज चूर्ण 3-6gm; पत्ती चूर्ण  3-6Gm

पुत्र जीवक के तेल से आप अपना वाहन भी चला सकते हैं !! 
इसकी कठोर ओर मजबूत लकड़ी, भवन निर्माण, कृषि उपकरण बनाने के काम तो आती ही है| साथ ही इसके  बीज से एक तेल भी निकलता  है जो जलाने के भी काम आता है, इस तेल को बायो इंधन के रूप में डीजल में मिलाकर प्रयोग की अनुशंसा की गई है| कई शोध कर्ताओं ने इसके तेल को वैकल्पिक उर्जा उपयोगी बताया है| इसके ईंधन गुणों के कारण और पर्यावरण सुरक्षा हित में इसका डीजल के साथ, इंजन में प्रयोग किया जा सकता है। जिसे यू एन ओ ने मान्यता दी है|  

देखे- Utilization of unattended Putranjiva roxburghii non-edible oil as fuel in diesel engine {SK Haldar, BB Ghosh, A Nag - Renewable energy, 2009 – Elsevier}  . -New utilization of vegetable oils A Nag, S Bhattacharya, KB De - Journal of the American Oil Chemists' …, 1995 – Springer.

[Note * दोष- यहाँ दोष का अर्थ खराबी नहीं है प्रक्रति को आयुर्वेद में  दोष कहा जाता है|
** एंटीऑक्सीडेंट अर्थात एसे पदार्थ जो  मानव शरीर को प्रदुषण से होने वाले रोगों से बचाते और, कैंसर का खतरा कम करते हैं, ह्रदय  के दौरे से बचाव करते हैं, चेहरे पर मुँहासों व झुर्रियां कम करते हैं, त्वचा कैंसर को रोकते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हें| ]


समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल/ जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें। इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

आज की बात (28) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (69) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (69) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "