Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

हाइपरथाइराडिज़्म- अर्थात अवटुग्रंथि(थाइराड) की अधिक सक्रियता।


अवटुग्रंथि(थाइराड)
 हाइपरथाइराडिज़्म- अर्थात  अवटुग्रंथि(थाइराड) की अधिक सक्रियता।

इसके कारण निम्नलिखित हैं-
  • ग्रेव बीमारी(Graves' disease) में पूरा अवटु या थाइराड ग्रंथि अति सक्रिय हो जातीं  है । इसमें थाइराड ग्रंथि के नोड्यूल्स अति सक्रिय हो जाते है।जिससे  अधिक हार्मोन बनाने लगता है
  • थाइरोडिटिस अर्थात ग्रंथि में सुजन यह भी एक ऐसी बीमारी है जो  दर्द सहित या रहित हो भी सकती हे।  ऐसा भी हो सकता है कि अवटुग्रंथि(थाइराड) के स्टोर्ड हार्मोन बाहर आने लगें, जिससे कुछ सप्ताह या महीनों के लिए हाइपरथारोडिज़्म की बीमारी हो जाए। दर्दरहित थाईरोडिटिस अक्सर प्रसव के बाद महिला में पाया जाता है।
 आयोडिन की अधिकता कई औषधियों में मिलती हे,इससे भी किसी-किसी में  थाइराड ग्रंथि या तो बहुत अधिक (हाइपरथायरोडिज़्म) या फिर बहुत कम ( हाइपोथायरायडिज्म-) हार्मोन बनाने लगती है।यह उन ओषधियों का साईड इफेक्ट भी कहा जा सकता हे। जो सामन्यतय ओषधि बंद कर देने पर ठीक हो जाता हे 
हाइपरथायरोडिज़्म या हरमोंन  की अधिकता होने पर निम्न लक्षण हो सकते हें।
  • चिड़-चिड़ापन/अधैर्यता
  • मांस-पेशियों में कमजोरी/कंपकपीं
  • मासिक-धर्म अक्सर न होना या बहुत कम होना
  • वजन घटना
  • नींद ठीक से न आना
  • अवटुग्रंथि का बढ़ जाना
  • आंख की समस्या या आंख में जलन
  • गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
यदि अवटुग्रंथि की बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाती है, तो लक्षण दिखाई देने से पहले उपचार से यह ठीक भी हो सकती  है। अवटुग्रंथि जीवन भर रहती है। ध्यानपूर्वक इसके प्रबंधन से अवटुग्रंथि (थाइराड) से पीड़ित रोगी अपना जीवन स्वस्थ और सामान्य रूप से जी सकते हैं।
(देखें - थायराइड के लिए अश्वगंधा(असगंध))
थायराइड हार्मोन के बारे में कुछ और बातें ।

 थायराइड हार्मोन कोशिकाओं के सामान्य कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। शरीर में प्रक्रियाओं की गति की एक नियंत्रक के रूप में थायराइड हार्मोन कार्य करता है। इस गति को मेटाबोलिक दर (चयापचय) कहा जाता है।   थायराइड हार्मोन एक सेलुलर स्तर पर तो महत्वपूर्ण होता ही है, साथ ही शरीर में लगभग हर प्रकार की टिसुज (ऊतक )  प्रभावित भी करता हें।
यह हारमोंन शरीर के हर कार्य को गति देता हे, अगर वहाँ बहुत ज्यादा थायराइड हार्मोन है, तो गतिशीलता की अधिकता से (hyperthyroidism के लक्षणों में से कुछ) जेसे  घबराहट, चिड़चिड़ापन, वृद्धि पसीना, दिल रेसिंग, हाथ कांपना, चिंता, सोने में कठिनाई, त्वचा के रुक्षता, ठीक भंगुर(टूटने वाले) बाल, और ऊपरी भाग और जांघों में मांसपेशियों में कमजोरी, विशेष रूप से हो सकता है।
 लगातार आंत्र में ऐठन सी अनुभूति होती हैं, दस्त असामान्य हो सकता है।
 अच्छी भूख के बावजूद वजन में कमी हो सकती हे । कभी कभी  उल्टी होती है।  महिलाओं के लिए मासिक धर्म प्रवाह हल्का और माहवारी अक्सर कम होने की शिकायत भी हो सकती हे।

Hyperthyroidism या हरमोंन  की अति सक्रियता आमतौर पर धीरे धीरे शुरू होती  है।प्रारम्भ में साधारण लक्षण -तनाव के कारण घबराहट,जेसी स्तिथि। कमजोरी सी (वजन घटने से)जेसी अन्य समस्याओं का कारण बनता है.
प्रमुख नैदानिक ​​लक्षण वजन कमी  (अक्सर भूख-वृद्धि  के साथ), चिंता, गर्मी असहिष्णुता, बालों के झड़ने, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, थकान, सक्रियता, चिड़चिड़ापन, हाइपोग्लाइसीमिया , उदासीनता, बहुमूत्रता, प्रलाप, कंपन ( pretibial myxedema,) और पसीना आदी है।
 इसके अलावा, रोगियों धडकन (palpitations) सांस की तकलीफ (dyspnea), कामेच्छा में कमी,अनार्तव ( amenorrhoea,) मिचली, उल्टी, दस्त अदि प्रमुख हें।
लंबी अवधि के हरमोंन ब्रद्धि ( hyperthyroidism) से ऑस्टियोपोरोसिस जेसी रोग भी आ सकते हें।

स्नायविक समस्याएं जेसे  कांपना, कोरिया, मायोपथी, और कुछ अतिसंवेदनशील व्यक्तियों में (विशेष रूप से एशियाई मूल के) आवधिक पक्षाघात भी इसके कारण हो सकता हे।
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|

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